वैश्य आर्य शिक्षण महिला महाविद्यालय में अंतरराष्ट्रीय एआई एनेबलमेंट कार्यशाला का हुआ आयोजन

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समाचार निर्देश ब्यूरोआज वैश्य आर्य शिक्षण महिला महाविद्यालय, बहादुरगढ़ में अंतरराष्ट्रीय एआई एनेबलमेंट कार्यशाला 2025 का आयोजन किया गया। यह अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला इक्वल एक्स एस फाउंडेशन के सहयोग से तथा वैश्विक आवर आफ एआई मूवमेंट में योगदान के रूप में आयोजित की गई। जिसमें मुख्य वक्ता मारिया ग्राज़िया पुग्लीएज़े, डायरेक्टर – कस्टमर सक्सेस एवं क्लाउड सॉल्यूशन आर्किटेक्ट्स लीड, माइक्रोसॉफ्ट वेस्टर्न यूरोप (एम्प्लॉयी वॉलंटियर) व प्रकुल सैराहा, सीनियर क्लाउड सॉल्यूशन आर्किटेक्ट – एआई बिज़नेस सॉल्यूशंस, माइक्रोसॉफ्ट यूएसए (एम्प्लॉयी वॉलंटियर) रहे। कार्यक्रम का आयोजन वर्चुअल माध्यम से किया गया, जिसमें देश-विदेश से प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया। कार्यशाला का शुभारंभ माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलन के साथ किया गया, जिससे ज्ञान, विवेक एवं नवाचार के प्रति समर्पण का संदेश दिया गया । कार्यशाला की मुख्य वक्ता मारिया ग्राज़िया पुग्लीएज़े ने एआई के शैक्षणिक, व्यावसायिक एवं सामाजिक उपयोगों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि एआई केवल तकनीक नहीं, बल्कि मानव क्षमताओं को और अधिक प्रभावी बनाने का सशक्त माध्यम है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस शिक्षा के क्षेत्र में व्यक्तिगत अधिगम को बढ़ावा देने का एक प्रभावशाली माध्यम है। उन्होंने बताया कि एआई की सहायता से शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया को अधिक समावेशी, रचनात्मक एवं प्रभावी बनाया जा सकता है। आज की युवा पीढ़ी में भविष्य के परिवर्तनकारी नेतृत्व की अपार संभावनाएँ हैं और एआई उन्हें अपने विचारों को साकार करने का सशक्त मंच प्रदान करता है। प्रकुल सैराहा ने एआई आधारित समाधानों, क्लाउड टेक्नोलॉजी और भविष्य के करियर अवसरों पर अपने विचार साझा करते हुए कहा कि युवाओं के लिए एआई कौशल विकसित करना भविष्य की सफलता की कुंजी है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और क्लाउड टेक्नोलॉजी आने वाले समय में प्रत्येक क्षेत्र की कार्यप्रणाली को बदलने वाली है। उन्होंने बताया कि एआई आधारित टूल्स न केवल कार्यक्षमता को बढ़ाते हैं, बल्कि समस्या-समाधान की क्षमता को भी सुदृढ़ करते हैं। उन्होंने छात्राओं को तकनीकी कौशल के साथ-साथ क्रिटिकल थिंकिंग, क्रिएटिविटी और निरंतर सीखने की प्रवृत्ति विकसित करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि आज के विद्यार्थी यदि एआई, डेटा और क्लाउड कंप्यूटिंग में दक्षता प्राप्त करते हैं, तो वे वैश्विक स्तर पर करियर के अनेक अवसर प्राप्त कर सकते हैं। इस अवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्या डॉ आशा शर्मा ने इक्वल एक्स एस फाउंडेशन एवं वैश्विक वक्ताओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे प्रयास शिक्षा को वैश्विक मंच से जोड़ते हैं। उन्होंने बताया कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आज के युग की आवश्यकता बन चुकी है। इस प्रकार की अंतरराष्ट्रीय कार्यशालाएँ विद्यार्थियों और शिक्षकों को भविष्य की तकनीकों से जोड़ने तथा डिजिटल रूप से सशक्त बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं। कार्यशाला के दौरान प्रतिभागियों को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मूल अवधारणाओं, इसके व्यावहारिक अनुप्रयोगों एवं डिजिटल कौशल विकास से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की गई। अंत में प्रश्नोत्तर विधि से प्रतिभागियों की शंकाओ को दूर किया। इस कार्यशाला का आयोजन विस्तार व्याख्यान प्रकोष्ठ एवं आइ क्यू ए सी सेल द्वारा किया गया।

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mohitgupta5952@gmail.com

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