लिवासा अस्पताल अमृतसर ने जॉइंट रिप्लेसमेंट और ट्रॉमा केयर के क्षेत्र में अत्याधुनिक ‘वॉक-3’ तकनीक का प्रदर्शन किया। इस अवसर पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में वरिष्ठ ऑर्थोपेडिक सलाहकार डॉ. सुखपाल सिंह मान और डॉ. आदित्य भारद्वाज ने इस नई तकनीक को लॉन्च किया। डॉ. मान ने बताया कि जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया में प्रशिक्षण तथा 2000 से अधिक सफल जॉइंट रिप्लेसमेंट सर्जरी के अनुभव के साथ यह तकनीक ऑर्थोपेडिक सर्जरी में सटीकता और सुरक्षा को नई ऊंचाइयों पर ले जा रही है।
डॉ. आदित्य भारद्वाज ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी और यूके में उन्नत फेलोशिप के दौरान प्राप्त अनुभव के आधार पर ‘वॉक-3’ तकनीक में ऑगमेंटेड रियलिटी का उपयोग किया जाता है। हल्के स्मार्ट ग्लासेस के जरिए सर्जन को रियल-टाइम 3डी गाइडेंस मिलती है, जिससे जटिल सर्जरी में भी अधिक स्थिरता और शुद्धता सुनिश्चित होती है। इस तकनीक से बिना भारी नेविगेशन उपकरण और प्री-ऑपरेटिव सीटी स्कैन के सटीक इम्प्लांट प्लेसमेंट संभव हो पाता है।डॉक्टरों के अनुसार इस तकनीक के जरिए की गई सर्जरी में छोटे चीरे लगते हैं, खून की हानि बेहद कम होती है और मरीज की रिकवरी तेज होती है। मरीज सर्जरी के तीन घंटे के भीतर चलना शुरू कर देते हैं।
यह टांकों के बिना, दाग-रहित प्रक्रिया है, जिसमें मरीज के प्राकृतिक लिगामेंट्स और हड्डियों को सुरक्षित रखा जाता है। हाल के मामलों में यह तकनीक जटिल ट्रॉमा और पहले से सर्जरी करा चुके मरीजों के लिए भी बेहद उपयोगी साबित हुई है। लिवासा अस्पताल के सीईओ अनुराग यादव ने ऑर्थोपेडिक टीम की सराहना करते हुए कहा कि अस्पताल पंजाब में वैश्विक स्तर की स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है। वहीं, फैसिलिटी डायरेक्टर दिव्या प्रशांत बजाज ने कहा कि आधुनिक तकनीकों में निरंतर निवेश से मरीजों को बेहतर और आरामदायक इलाज मिल रहा है। उल्लेखनीय है कि लिवासा अस्पताल अमृतसर पंजाब के तेजी से बढ़ते मल्टी-स्पेशियलिटी अस्पतालों में शामिल है, जो आधुनिक ढांचे, विशेषज्ञ डॉक्टरों और मरीज-प्रथम सोच के लिए जाना जाता है।








